'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत चमड़ा क्षेत्र को प्रमुख फोकस सेक्टरों में से एक सेक्टर के रूप में शामिल किया गया है। भारत में प्रति व्यक्ति फुटवेयर खपत में वृद्धि होने का अनुमान है, और यह प्रति व्यक्ति चार जोड़े तक पहुँच सकती है। इसके चलते 2020 तक घरेलू फुटवेयर की खपत पांच बिलियन जोड़े तक पहुंचने का अनुमान है।
चमड़ा उद्योग के विकास और निर्यात बढ़ाने संबंधी प्रमुख चुनौती चमड़े के स्थान पर कई अन्य प्रकार की सिंथेटिक सामग्रियों का इस्तेमाल शुरू हो जाना है। इससे भविष्य में चमड़ा उद्योग का निर्यात प्रभावित हो सकता है, क्योंकि कई बाजारों में चमड़ा उत्पादों की जगह अन्य सिंथेटिक सामग्रियों वाले उत्पादों ने ले ली है। इन तकनीकी और सिंथेटिक सामग्रियों के विकास के साथ, चमड़े के निर्यात में गिरावट दिखाई दे सकती है।
इन सबके बावजूद, अगले पांच वर्षों में सकारात्मक विकास की उम्मीद है। प्रोत्साहनों, फोकस पहलों, औद्योगिक विकास कार्यक्रमों और निर्यात प्रचार गतिविधियों के माध्यम से सरकार इस क्षेत्र के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पूरा सहयोग दे रही है।
वैश्विक और घरेलू बाजार में चमड़ा उद्योग की महत्वपूर्ण पकड़ है। विलासिता उत्पादों एवं भारी अपील की वजह से मांग में वृद्धि हुई है। हाल के वर्षों में, चमड़े और चमड़े के उत्पादों की मांग में वृद्धि हुई है और अनौपचारिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है।
भारतीय लेदर इंडस्ट्री में फुटवेयर, परिष्कृत चमड़ा, चमड़े के सामान, चमड़े के वस्त्र, जूते और कंपोनेंट और घोड़े की काठी (सैडलेरी) और अन्य साज-सामान शामिल हैं। इन सभी खंडों में उच्च विकास क्षमता है। खुदरा वस्तुओं के अलावा, इंटीरियर डिजाइनिंग, मोटर वाहन और खेल जैसे उद्योगों में भी इसका व्यापक स्तर पर उपयोग किया जाता है। यह क्षेत्र लगभग 30.9 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करता है, जिनमें से 30 प्रतिशत महिलाएं हैं।
मात्र कच्चे माल के आपूर्तिकर्ता से तैयार सामान के निर्यातक के रूप में एक्ज़िम बैंक की रूपांतरकारी यात्रा काफी रोचक रही है। 1900 के दशक की शुरुआत में, भारत लेदर फुटवेयर का आठवां सबसे बड़ा निर्माता था। गत वर्षों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसके प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, खासकर जब सरकार द्वारा टैरिफ और गैर-टैरिफ सीमा को कम करने सहित विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में प्रतिबंध को हटा दिया गया। आज, भारत विश्व में फुटवेयर और लेदर गारमेंट्स केउत्पादन में दूसरे स्थान पर है और विश्व में कुल फुटवेयर उत्पादन में इसका लगभग 9 प्रतिशत हिस्सा है।
भारतीय लेदर इंडस्ट्री का वैश्विक उत्पादन में लगभग 13 प्रतिशत हिस्सा है। मूल्य की दृष्टि से 17.85 अरब अमेरिकी डॉलर का उत्पादन हुआ है, जिसमें से करीब 5.85 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात हुआ है। लेदर गारमेंट्स की वार्षिक उत्पादन क्षमता 16 मिलियन पीस है और भारत के कुल लेदर निर्यात में इसका 9 प्रतिशत हिस्सा है। सैंडलरी और हार्निस वस्तुओं की वार्षिक उत्पादन क्षमता 12.5 मिलियन पीस है जबकि औद्योगिक ग्लॉव्स 52 मिलियन जोड़े हैं।
अप्रैल-जून 2017-18 के दौरान, भारतीय लेदर उत्पादों के लिए प्रमुख बाजार अमेरिका (14.66 प्रतिशत), जर्मनी (11.22 प्रतिशत), ब्रिटेन (10.05 प्रतिशत), इटली (7.03 प्रतिशत), स्पेन (4.63 प्रतिशत), फ्रांस (5.15 प्रतिशत), हांगकांग (4.52 प्रतिशत), संयुक्त अरब अमीरात (यू ए ई) (5.04 प्रतिशत), चीन (3.09 प्रतिशत), नीदरलैंड (3.05 प्रतिशत), पोलैंड (2.23 प्रतिशत) और वियतनाम ( 1.88 प्रतिशत) थे।
भारत चमड़े के उत्पादों, विशेष रूप से चमड़े के जूते के मामले में कुछ बड़े वैश्विक निर्माताओं में से एक है। वर्ष 2016-17 में 'चमड़ा और चमड़ा विनिर्माण' क्षेत्र से कुल 5325.85 मिलियन यू एस डॉलर मूल्य का निर्यात दर्ज किया गया। अप्रैल से सितंबर 2017-18 तक छह महीने के लिए चमड़े का निर्यात एक साल पहले 3.01 अरब डॉलर था, जिसमें 2.41 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गई। अप्रैल-जून 2017 के दौरान भारत से चमड़े और चमड़े की वस्तुओं का निर्यात 1.42 अरब यू एस डॉलर था, जो पिछले वर्ष की अनुरूपी तिमाही में 1.43 अरब डॉलर था। अप्रैल-जून 2017 में चमड़े के कुल निर्यात में फुटवेयर (चमड़े और गैर चमड़े) और फुटवेयर सामान की सबसे बड़ी हिस्सेदारी (47.54 प्रतिशत) रही, इसके बाद चमड़े के सामान और अक्सेसरीज (23.34 प्रतिशत), परिष्कृत चमड़ा (16.77 प्रतिशत), लेदर गारमेंट्स (9.79 प्रतिशत) तथा सैडलरी और हार्निस (2.56 प्रतिशत) की हिस्सेदारी रही।
भारत में चमड़े और संबंधित उत्पादों का निर्यात जनवरी 2017 के 29.09 अरब रुपये से घटकर फरवरी में 27.43 अरब रुपये हो गया। भारत में चमड़े और उत्पादों का निर्यात वर्ष 1991 से 2017 तक औसतन 11.90 अरब रुपये का था।
अप्रैल-जून 2016-17 की तुलना में अप्रैल-जून 2017-18 के दौरान चमड़े और चमड़े के उत्पादों का निर्यात (मिलियन रुपये मूल्य में)
श्रेणी | अप्रैल-जून 2016 -17 | अप्रैल -जून 2017-18 | % अंतर |
परिष्कृत चमड़ा | 16778.72 | 15348.64 | -8.52% |
चमड़े के फुटवेयर | 36325.13 | 31954.44 | -12.03% |
फुटवेयर कम्पोनेंट | 5040.86 | 5336.10 | 5.86% |
चमड़े के वस्त्र | 8941.29 | 8962.13 | 0.23% |
चमड़े का सामान | 21104.15 | 21364.66 | 1.23% |
सैडलरी और हार्निस | 2235.87 | 2343.60 | 4.82% |
गैर चमड़े के फ़ुटवेयर | 5815.91 | 6223.64 | 7.01% |
कुल | 96241.93 | 91533.21 | -4.89% |
स्रोत: डीजीसीआई एंड एस
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - चमड़ा उद्योग क्षेत्र डी-लाइसेंस्ड है, जो अत्याधुनिक मशीनरी और उपकरणों के साथ आधुनिक तर्ज पर इसके विस्तार में मदद करता है। वर्तमान में, सीधे तौर पर 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई है। अप्रैल 2000 से दिसंबर 2017 की अवधि के दौरान चमड़े, चमड़े के सामान और पिकर्स में एफडीआई अनुमानतः 188 मिलियन यू एस डॉलर था, जो कुल एफडीआई आवक का 0.05 प्रतिशत था।
सरकार द्वारा इस क्षेत्र में निर्यात को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं -
चमड़े के आयात की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए मानकीकरण हेतु यूरोपीय समिति के तकनीकी निकाय सीईएन टीसी 289 द्वारा कुछ मानकों का उल्लेख किया गया है। वर्तमान में चमड़ा उत्पादों से संबंधित 143 मानक हैं। इन मानकों में कई क्षेत्र शामिल हैं।
यूरोपीय संघ के कुछ अतिरिक्त विनियम -
चीन के फुटवेयर आयात और निर्यात के निरीक्षण हेतु विद्यमान मानकों की श्रृंखला एसएन/टी 1309.1-एसएन/टी 130 9.7 की जगह चमड़ा फुटवेयर के निर्यात के लिए तकनीकी विशिष्टता (एसएन/टी 1309-2015) 1 सितंबर, 2015 के नए मानकों का सेट लागू किया गया है।
विनियमों और नीतियों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, 'चाइना लेदर इंडस्ट्री' लिंक पर क्लिक करें। http://en.chinaleather.org/Expand/Share/Page/NSCMoreList.aspx?NSCID=977
यूके सरकार के चमड़ा और चमड़ा उत्पादों के आयात के लिए कुछ विनियम हैं- संबंधित लिंक नीचे दिया गया हैःhttps://www.gov.uk/guidance/classifying-leather