भारत खान-पान की संस्कृति, मसालों और गैर-कृषि वस्तुओं में विविधताओं वाला देश है। भारत के निर्यात में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का 13 प्रतिशत हिस्सा है। वर्ष 1998 के बाद से भारत दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देशों में शीर्ष स्थान पर है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा काजू उत्पादक है और अनाज, फलों और सब्जियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। 11.6 प्रतिशत मानव संसाधनों को इसी क्षेत्र से रोजगार मिला है। भारत पूरे विश्व में कृषि-वस्तुओं के उत्पादन में पहले और खाद्य उत्पादन में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है।
भारत को दुनिया में कृषि संबंधी सह उत्पादों के प्रमुख उत्पादक के रूप में जाना जाता है। 2017-18 के दौरान भारत 176.4 मिलियन टन उत्पादन के साथ दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश रहा। इसके अतिरिक्त, 10.07 मिलियन मीट्रिक टन मछली उत्पादन के साथ वैश्विक मछली उत्पादन में भारत का हिस्सा लगभग 6.3 प्रतिशत रहा। भारत 8129 किलोमीटर की विशाल तटरेखा के साथ मत्स्यपालन और जलीय कृषि क्षेत्र में क्रमशः तीसरा और दूसरा सबसे बड़ा देश है।
निर्यात
2017-18 के दौरान भारत से प्रसंस्कृत खाद्य का निर्यात 35.5 अरब यूएस डॉलर का रहा, जिसमें 4 प्रतिशत की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि दर्ज की गई। निर्यात में 0.49 प्रतिशत की सीएजीआर से गिरावट दर्ज की गई, क्योंकि निर्यात मूल्य 2014-15 के 36.1 अरब यूएस डॉलर से गिरकर 2017-18 के दौरान करीब 35.4 अरब यूएस डॉलर ही रह गया।
2017-18 में भारत का प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात 4258 मिलियन यूएस डॉलर का था। इसमें आम का पल्प (104.54 मिलियन यूएस डॉलर), सूखी और संरक्षित सब्जियां (146.54 मिलियन यूएस डॉलर), अन्य प्रसंस्कृत फल और सब्जियां (528.22 मिलियन यूएस डॉलर), दलहन (228.32 मिलियन यूएस डॉलर), मूंगफली (524.82 मिलियन यूएस डॉलर), ग्वारगम (646.94 मिलियन यूएस डॉलर), गुड़ और मिष्ठान्न (214.20 मिलियन यूएस डॉलर), कोको उत्पाद (177.47 मिलियन यूएस डॉलर), अनाज से तैयार उत्पाद (552.33 मिलियन यूएस डॉलर), एल्कोहलिक पेय पदार्थ (326.68 मिलियन यूएस डॉलर), विविध तैयार उत्पाद (442.56 मिलियन यूएस डॉलर) और मिल के उत्पाद (136 मिलियन यूएस डॉलर) जैसे उत्पाद शामिल हैं।
वस्तु | अप्रैल-नवंबर '17 | अप्रैल-नवंबर '18 (पी) | वृद्धि % | हिस्सा % |
---|---|---|---|---|
प्रसंस्कृत सब्जियां | 177.33 | 193.06 | 8.87 | 0.09 |
प्रसंस्कृत फल और जूस | 404.35 | 407 | 0.65 | 0.19 |
अनाज से तैयार उत्पाद | 362.94 | 353.96 | -2.47 | 0.16 |
कोको उत्पाद | 109.05 | 128.30 | 17.65 | 0.06 |
विविध प्रसंस्कृत चीजें | 351.23 | 431.12 | 22.75 | 0.20 |
प्रसंस्कृत मांस | 0.79 | 1.10 | 39.26 | 0.00 |
दिनांक: 18/1/19 (पी- अनंतिम) |
स्रोत: वाणिज्य मंत्रालय, एफ़टीपीए |
एफडीआई नीति
संभावना
खाद्य संरक्षा और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट (टीक्यूएम) जैसे विशेष तंत्र बनाए गए हैं। इनमें आईएसओ 9000, आईएसओ 22000, एचएसीसीपी- खाद्य पदार्थों में हानिकारक तत्त्वों की जांच के लिए हैजर्ड एनालिसिस एंड क्रिटिकल कंट्रोल पॉइंट्स, श्रेष्ठ विनिर्माण पद्धतियां (जीएमपी) और श्रेष्ठ स्वच्छता पद्धतियां (जीएचपी) शामिल हैं, जिनका लाभ खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को मिलता है। इससे गुणवत्ता और स्वच्छता मानकों का अनुपालन करने में मदद मिलती है, जिससे उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य संरक्षण के साथ-साथ उद्योग को वैश्विक प्रतिस्पर्धा का बेहतर तरीके से सामना करने में सहयोग मिलता है। इसके साथ ही विदेशों में उत्पाद की स्वीकृति भी बढ़ जाती है तथा उद्योग भी प्रौद्योगिकी के मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर के होते हैं।