ऋण-व्यवस्था
एक्ज़िम बैंक, विदेशी वित्त संस्थाओं, क्षेत्रीय विकास बैंकों, संप्रभु सरकारों और अन्य विदेशी इकाइयों को ऋण-व्यवस्थाएं प्रदान करता है, ताकि उन देशों में विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं अथवा भारत से माल, उपकरण एवं सेवाओं के आयात के लिए वहां खरीदारों को आस्थगित ऋण शर्तों पर वित्त प्रदान किया जा सके। भारतीय निर्यातक शिपिंग दस्तावेज प्रस्तुत कर एक्ज़िम बैंक से पात्र मूल्य का दायित्व रहित भुगतान प्राप्त कर सकते हैं।
ऋण-व्यवस्थाएं निम्न में मददगार हैं:
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नए बाज़ारों में प्रवेश
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वित्तीय सहयोग
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समेकन (कंसोलिडेशन) और विस्तार (एक्सपेंशन)
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भारतीय क्षमताओं का प्रदर्शन
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द्विपक्षीय सहयोग मज़बूत बनाना
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भागीदारी निर्माण
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अंतरराष्ट्रीय व्यापार का संवर्द्धन
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सिनर्जी - साथ मिलकर काम करना
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विकासात्मक प्रभाव
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निजी क्षेत्र को अपनी मज़बूती का फायदा उठाने में सक्षम बनाना
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स्थानीय क्षमता विकास- संबंधित माल और सेवाओं का विस्तार
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क्लस्टर प्रभाव
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अलग-अलग बाजारों में पहुंचने का माध्यम
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भारतीय छाप
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रोजगार- भारत और विदेशों में
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निर्यात बढ़ाने के लिए समुचित संबंध
कुल मिलाकर
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भारतीय परियोजना निर्यात क्षमताओं के बेहतर प्रदर्शन में ऋण-व्यवस्थाओं का बड़ा योगदान रहा है
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इनके माध्यम से 60 से ज्यादा देशों में भारतीय माल एवं सेवाओं का निर्यात किया गया है s
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अंततराष्ट्रीय समुदाय से द्विपक्षीय सहयोग को ऋण-व्यवस्थाओं ने मजबूत करने का काम किया है
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www.eximbankindia.in/hi/lines-of-credit-hindi
भारतीय विकास और आर्थिक सहायता योजना (आइडियाज)
एक्ज़िम बैंक भारत सरकार की ओर से भारतीय विकास और आर्थिक सहायता योजना (आइडियाज) योजना के अंतर्गत विदेशी सरकारों / विकासशील देशों में उन देशों की सरकारों की नामित एजेंसियों को भारतीय कंपनियों से संविदा वाले माल, सिविल कार्य, परामर्शी-गैर परामर्शी सेवाओं वाली परियोजनाओं के लिए रियायती दरों पर ऋण सुविधाएं प्रदान करता रहता है। भारत सरकार ने इन परियोजनाओं की बिडिंग, प्रोक्योरमेंट और टेंडर प्रक्रिया के लिए कुछ नियम निर्धारित किए हैं। ऐसी परियोजनाएं निम्नलिखित बड़े क्षेत्रों के अंतर्गत आती हैं:
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कृषि (फसल सुधार, रिसर्च स्टेशन, ट्रैक्टरों की आपूर्ति और खेतों के उपकरणों सहित)
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सूचना प्रौद्योगिकी अथवा टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर (आईटी पार्क/सेंटर/ माइक्रोवेव लिंक, वी-सैट टर्मिनल, ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क)
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सिविल निर्माण (आवास, अस्पताल आदि सहित)
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मत्स्यपालन (पिसिकल्चर, कोल्ड स्टोरेज सहित)
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औद्योगिक परियोजनाएं (चीनी, सीमेंट, खाद्य प्रसंस्करण, टेक्सटाइल, ऑटोमोटिव आदि)
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सिंचाई (माइक्रो/डिप सिंचाई, नहर आदि सहित)
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खनन और खनन उपकरण
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बिजली उत्पादन (थर्मल,)
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ग्रामीण विद्युतीकरण सहित बिजली ट्रांसमिशन और वितरण
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रेलवे (ट्रैक बिछाने, रूट निर्माण, सिग्नलिंग, लोकोमोटिव और रॉलिंग स्टॉक सहित)
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पुनर्नवीकृत ऊर्जा (सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और बायो-गैस)
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सड़कें और हाईवे
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वाहनों की आपूर्ति (ट्रक, बस और अन्य वाणिज्यिक वाहनों सहित)
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पानी और स्वच्छता (वाटर ट्रीटमेंट और प्यूरीफिकेशन, स्टोरेज और वितरण सहित)
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सॉफ्टवेयर विकास जैसी सेवाएं
ऋण व्यवस्था संविदा प्रक्रिया निम्नलिखित है: