अपने आधारभूत उद्यम विकास (ग्रिड) कार्यक्रम के माध्यम से बैंक देश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित उद्यमों के वैश्वीकरण में सहायता करता है। यह कार्यक्रम परंपरागत शिल्पकारों, दस्तकारों और देश के ग्रामीण उद्यमियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करते हुए समाज के तुलनात्मक रूप से वंचित वर्ग की जरूरतें पूरी करता है। बैंक विभिन्न संस्थागत संबंध बनाता रहता है और उन संबंधों को मजबूत करता रहता है। बैंक ने कुछ चुनिंदा बड़े संगठनों के साथ औपचारिक सहयोग व्यवस्थाएं भी की हैं, ताकि इन दस्तकारों और अन्य लक्षित समूहों तक सीधे पहुंचा जा सके तथा उनकी क्षमता सृजन, उन्हें तकनीकी रूप से अपग्रेड करने, गुणवत्ता सुधारने, बाजार तक पहुंच बनाने, प्रशिक्षण और अन्य तरह का सहयोग प्रदान किया जा सके।
इस कार्यक्रम के जरिए बैंक ऐसे ग्रासरूट पहलों/ प्रौद्योगिकी को विशेष तौर पर बढ़ावा देने का प्रयास करता है जिनमें निर्यात की संभावना हो। कार्यक्रम का लक्ष्य देश भर में फैले हुए शिल्पकारों/उत्पादक समूहों/छोटे उद्यमों के उत्पादों/सेवाओं के निर्यात में सहायता प्रदान कर उनके उत्पादन पर समुचित लाभ प्रदान करवाना है। बैंक का यह समूह ग्रामीण तथा ग्रासरूट स्तर पर कार्यरत ऐसी संस्थाओं से प्राप्त ऋण प्रस्तावों पर विचार करता है और उनकी आवश्यकतानुसार वित्तीय सुविधाएं प्रदान करता है।
समूह का उद्देश्य क्षमता निर्माण, निर्यात क्षमता सृजन के जरिए विकास/कारोबार चक्र के विभिन्न चरणों में सहायता प्रदान कर इन उद्यमों को शक्तिशाली, सक्षम और अंततः निर्यातक्षम बनाने में मदद करना है। बैंक के इस कार्यक्रम के अंतर्गत क्षमता निर्माण, सामान्य सुविधा केंद्रों का विकास, कच्चे माल बैंक का निर्माण, प्रौद्योगिकी उन्नयन तथा निर्यात क्षमता के सृजन करना आदि के लिए सहायता प्रदान की जाती है।
मुख्य रूप से इस समूह के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
ग्रिड कार्यक्रम के अंतर्गत सहयोग लेने की इच्छुक संस्थाओं को निम्नलिखित मानदंड पूरे करने होते हैं: